गंभीरता एक बहुत है। गंभीर व्यक्ति बहुत अहंकारी होता है और इसलिए वह अपने उप्पर बहुत बोझ ले लेता है, वह सहज नहीं हो पाता। अपने मन का बोझ कम करिए, इतना वजन मत ढोइए। जो बात आज बहुत कठिन लग रही है वह दो दिन बाद आसान लगेगी। फिर आज का दिन क्यों व्यर्थ गवाएँ? आखिर बात इतनी गंभीर नहीं है!
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